दिवाली का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दिवाली को प्रकाश का उत्सव भी कहा जाता है। इस दिन सभी अपने घरों में दीये जलाकर अंधकार को दूर कर अपने जीवन को प्रकाशवान करते है। हम सभी जानते है कि यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई का दिन है, इस दिन भगवान राम और माता सीता १४ वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उनके आगमन की ख़ुशी में ही अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। लेकिन दिवाली का त्यौहार मनाने के पीछे बहुत से ऐतिहासिक कारण है जिन्हें बहुत कम लोग जानते है । आइए जानते है दिवाली से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ –
१) माता लक्ष्मी का अवतरण :- कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को लक्ष्मी माता समुद्र मंथन द्वारा धरती पर प्रकट हुई थी। दिवाली के त्यौहार को मनाने का सबसे बड़ा कारण यही है। इस पर्व को माता लक्ष्मी के स्वागत के रूप में मनाते है।
२) पृथ्वी पर आती हैं लक्ष्मी जी:-दिवाली के आने से पहले ही हम सभी साफ-सफाई शुरू कर देते हैं क्योंकि हम सभी जानते हैं कि इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। हालांकि यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि इस दिन लक्ष्मी मां पृथ्वी का भ्रमण करती हैं। इस दिन लक्ष्मी जी अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए पूरी पृथ्वी का चक्कर लगाती हैं।
३) छोटी दिवाली का एक और नाम :- छोटी दिवाली का एक और नाम है जिस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था। साथ ही 16 हजार बंधी महिलाओं को मुक्त भी कराया था इसलिए कुछ लोग छोटी दिवाली को नरक चतुर्थी के नाम से भी जानते हैं।इसे विजय पर्व के नाम से भी जाना जाता है।
४) पांडवों की वापसी :- महाभारत के अनुसार जब कौरव और पांडव के बीच होने वाले चौरस के खेल में पांडव हार गए, तो उन्हें १२ वर्ष का अज्ञात वास दिया गया था। पांचों पांडव अपना १२ साल का वनवास समाप्त कर इसी दिन वापस लौटे थे।
५) विक्रमादित्य का राजतिलक :– राजा विक्रमादित्य के राजतिलक का प्रसंग भी इसी दिन से जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि राजा विक्रमादित्य का राजतिलक भी इसी दिन किया गया था, जिससे दिवाली का महत्व और खुशियाँ दोगुनी हो गयी थी।
६) आर्य समाज :- स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा आर्य समाज की स्थापना भी इसी दिन की गयी थी। इस कारण भी दिवाली का त्यौहार विशेष महत्व रखता है।
७) जैन धर्म :- दिवाली का दिन जैन संप्रदाय के लोगों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। जैन धर्म इस पर्व को भगवान महावीर जी के मोक्ष दिवस के रूप में मनाता है। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक मास की अमावस के दिन ही भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।
८) गुरु हरगोविंद जी हुए थे कैद से रिहा :- दिवाली के पर्व से जुड़े ढेर सारे किस्से सुनने को मिलते हैं। सिख धर्म में भी दिवाली को दोगुने उत्साह के साथ मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन उनके शिक्षक गुरु हरगोविंद जी कई हिंदू राजाओं के साथ ग्वालियर में मुगल शासक जहांगीर की कैद से रिहा हुए थे।
९) पहले सिर्फ कुछ लोग ही फोड़ते थे पटाखे :- आजकल दिवाली के पर्व पर बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर कोई पटाखे फोड़ता है लेकिन पहले ऐसा नहीं था। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सालों पहले तक पटाखे और आतिशबाजी से जुड़ा सामान बहुत महंगा आता था और इसका उपयोग केवल राजघरानों द्वारा किया जाता था।
१०) विदेश में भी मनाई जाती है दिवाली :- दिवाली का त्यौहार ना सिर्फ भारत के अलग-अलग राज्यों में बल्कि विदेश में भी मनाया जाता है। भारत के अलावा इंडोनेशिया , मलेशिया, फिजी, कनाडा और मॉरीशस जैसे देशों के लोग भी अपने-अपने स्टाइल में दिवाली मनाते हैं।