धनतेरस की पूजा विधि

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दिवाली हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार माना गया है। दिवाली 5 दिनों तक मनाया जाने वाला पर्व होता है। धनतेरस से दिवाली पर्व का प्रारम्भ हो जाता है। हिन्दू पंचाग के अनुसार धनतेरस हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन देवताओं के वैद्य भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था। धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि, भगवान कुबेर के साथ माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।आइए जानते है धनतेरस की पूजा में लगने वाली सामग्री और पूजन की विधि-
सामग्री :-
१) कमल गट्टे -७
२) हल्दी की गांठ -७
३) अमरबेल के टुकड़े
४) रोली
५) मोली
६) चावल
७) मेहँदी
८) अबीर
९) चन्दन
१०) हल्दी
११) लाल कपडा
१२) आटा ( चौक पुरने के लिए )
१३) आटे के दीये -७
१४) चौकी
१५) गाय का गोबर

पूजा की विधि:-
१) एक थाली में पूजा की सभी सामग्रियाँ रोली, मोली, हल्दी, चन्दन, अबीर, गुलाल, अमरबेल के टुकड़े ,हल्दी की गांठ, कमलगट्टे और जल का पात्र रखे।
२) जहाँ आप पूजा करने वाले है उस स्थान पर देसी गाय का गोबर का लीपन करे, यदि गाय का गोबर ना मिले तो जल से भूमि को लिपे।
३) अब वहां सुन्दर चौक पूरे। ध्यान रहे चौक रंगोली से नहीं , आटे और हल्दी की सहायता से बनाये। आटा समृद्धि को बढ़ाता है और हल्दी वैभव को बढ़ाती है इसलिए जब भी पूजा के लिए चौक पूरे तो आटे और हल्दी का ही प्रयोग करे।
४) चौक बनाने के पश्चात उस पर एक चौकी रखे और चौकी पर लाल कपड़ा बिछा दे।
५) अब एक थाली ले उस कुमकुम को गिला करके स्वस्तिक बनाये। अब थाली में एक चाँदी का सिक्का रखे, यदि आपके पास चाँदी का सिक्का न हो तो कोई भी सिक्का अर्थात १ रुपया /२ रुपया रख सकते है। थाली को चौकी पर रखे।
६)आटे के सात दिए बनाये, इन्हें एक थाली में रख ले। दीये में घी भर दे और लम्बी बत्ती लगाए, ध्यान रहे लक्ष्मी जी की पूजा में लम्बी बत्ती के ही दीये लगाए। सभी दीये प्रज्वलित करे।
७) एक दिया तेल का लगाए , तेल का दिया जलाकर जहाँ अपने सिक्का रखा है उसके बायीं ओर रख दे। जो सात दीये जलाये है उन्हें सिक्के के दाई ओर रख दे।
८)अब सिक्कों का जल छिड़क कर पूजन करे , कंकु /हल्दी से पूजन करे। अब सिक्कों को हाथ में लेकर नाड़े से अच्छी तरह लपेट दे। फिर से सिक्कों का पूजन करे।
९) चावल को हल्दी में भिगो कर पिले चावल करके उलटे हाथ में रख ले और सीधे हाथ से थोड़े-थोड़े चावल सिक्कों पर छोड़ते जाये और माता लक्ष्मी का स्मरण करे। गणेश जी का स्मरण करे, भगवान शिव का स्मरण करे, नारायण का स्मरण करे और चावल छोड़ते जाये।
१०) अब अमरबेल के सात टुकड़े, सात कमलगट्टे, सात हल्दी की गाँठ माता लक्ष्मी को समर्पित करे। दोनों हाथों में पीसी हुई हल्दी लेकर सात बार माता लक्ष्मी का स्मरण करते हुए उन सिक्कों पर चढ़ाये। अब कुमकुम भी चढ़ाये।
११) कोई भी मिठाई या मिश्री का भोग माता लक्ष्मी को लगाए। माता लक्ष्मी से निवेदन कीजिये कि हे माँ ! आप सदैव हमारे यहाँ विराजमान हो।
१२) पूजन करने के बाद जो सात दीये थाली में रखे है उन सातों दियों से माता लक्ष्मी की आरती उतारिए। अब उन दियों को घर के सात अलग-अलग जगहों पर रखे। एक दीया रसोईघर में, एक हॉल में, एक जहाँ भी पैसे रखते है या अलमारी के पास, एक तुलसी जी के पास, एक घर के दरवाज़े के पास, एक मंदिर में, ओर एक दीया जहाँ आपने पूजन किया वही रख दे।

धनतेरस के दिन लोग सोना, चाँदी और बर्तन खरीदते है। इस दिन इन नए चीज़ो को भी पूजा में रख सकते है। इसके साथ ही झाड़ू की भी पूजा की जाती है।


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